संवाददाता- अबुल कलाम टंडवा-(चतरा)
झारखंड सरकार के आदेशानुसार चंद्रगुप्त कोल परियोजना से प्रभावित गांव के भु- रैयतों कि समाजिक आकलन का कार्य तेजगति से कराया जा रहा है, इसका मुख्य उद्देश्य जमीन खोने के बाद उनके जीवन अस्तर पर किया प्रभाव पड़ेगा, बुकरु के रैयत समाजिक आकलन कराने में इच्छुक दिख रहे हैं।
जमीन अधिग्रहण के पुर्व 2013 कानून के अनुसार पांच प्रमुख बिंदुओं से गुजरना पड़ता है, पहला समाजिक आकलन, दुसरा लोगों की सहमति, तीसरा मुआवजा, चौथा पुनर्वास, पांचवां पुनर्स्थापन, इसमें पहला काम समाजिक आकलन का बुकरु के रैयत शुरुआत कर दिए हैं। समाजिक आकलन का कार्य कराने से रैयतों को कानून से अधिकार प्राप्त होता है।?